अब तक कोई भी पूरे तरीके से प्रकृति और इसकी सम्पूर्णता को समझ नहीं पाया है। हम मानव सिर्फ इसकी शानदार रचना को देख, आश्चर्य हो सकते हैं और इसे सराह सकते हैं। इसको समझना हमारे समझ से बिलकुल ही परे है। उन्हीं प्राकृतिक अनोखे कृतियों में शामिल है चट्टानों का यूनिक तरीके से प्राकृतिक गठन। आपने ज्वालामुखी से गठित हुए चट्टानें और बसॉल्ट चट्टानें देखी ही होंगी पर मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के भेड़ाघाट में आप इन सब से अलग संगमरमर की चट्टानें भी देखेंगे। भेड़ाघाट जी हाँ, हमने कई संगमरमर के पत्थर का इस्तेमाल होते हुए देखा है और इसके इस्तेमाल से हुए इमारतों के शानदार रूप को भी देखा है। इसका सबसे शानदार और भव्य उदहारण है दुनिया का सबसे प्रसिद्ध और दुनिया के 7 अजूबों में शामिल ताज महल, जिसकी सुंदरता और शिल्पकला की तारीफ करते हम थकते नहीं। तो अब कल्पना करिये संगमरमर के चट्टानों को देखना कैसा होगा? यही वह चीज़ है जो आपको भेड़ाघाट की ओर आकर्षित करती है।

 भेड़ाघाट  

भेड़ाघाट, जबलपुर से 28 किलोमीटर दूर एक छोटा सा नगर है। यह थोड़ा अनोखा पर 3 प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण के साथ एक खूबसूरत स्थान है। वे 3 प्रमुख आकर्षण हैं, संगममर की चट्टानें, धुआंधार जलप्रपात और चौंसठ योगिनी मंदिर। संगमरमर की चट्टानें संगमरमर की चट्टानों पर अपनी कल्पना को और बढ़ाइये नर्मदा नदी का अतुल्य नज़ारा वह भी संगमरमर के चट्टानों से गिरता हुआ, भेड़ाघाट का प्रमुख आकर्षण है। नदी में नाव की सवारी के मज़े लेते हुए इन चट्टानों के अद्भुत गठन को निहारने का मज़ा ही कुछ अलग है। दिलचस्प बात यह है कि ये चट्टान हमें अलग-अलग आकर और जानवरों की तरह नज़र आते हैं। यहाँ तक कि आपके साथ नाव में सवार आपका टूरिस्ट गाइड भी ऐसी चट्टानों को दिखायेगा जो आपको कुछ जाने पहचाने आकर की तरह लगेंगे। भेड़ाघाट में नौका विहार आप यहाँ पूर्णिमा की रात पूरे चाँद के नज़ारे में भी नाव की इस शानदार सवारी का मज़ा ले सकते हैं। शांत और शीतल रात में चंद्रमा की शीतलता के नीचे नौका की सवारी करना बहुत सुकून भरा सफर होगा। धुआंधार जलप्रपात धुआंधार जलप्रपात का सुन्दर दृश्य भेड़ाघाट के सबसे अच्छे पर्यटक आकर्षणों में से एक है। धुएं की तरह प्रतीत होता यह जलप्रपात, इंद्रधनुष के साथ भेड़ाघाट में एक अद्भुत नज़ारे का निर्माण करता है। मॉनसून के बाद वाले महीने सितम्बर से दिसम्बर, इस जलप्रपात के नज़ारे लेने के लिए सबसे बेहतरीन समय हैं। धुआंधार जलप्रपात  चौंसठ योगिनी मंदिर जबलपुर कलाचूरी और गोंड वंश का प्रमुख स्थल हुआ करता था। इन वंशों के समय बनायीं गयीं कई रचनाएँ आज भी इस क्षेत्र में स्थापित हैं। चौंसठ योगिनी मंदिर के अंदर पवित्र स्थान पर भगवान शिव और देवी पारवती जी विराजमान हैं। मंदिर के चारों तरफ लगे हुए 64 योगिनी मूर्तियों के नाम पर ही इस मंदिर का नाम चौंसठ योगिनी मंदिर पड़ा है। 

अब आप जब भी कभी भेड़ाघाट में हों इस खूबसूरत जगह के नज़ारे लेना न भूलें। चौंसठ योगिनी मंदिर  भेड़ाघाट की यात्रा का सही समय भेड़ाघाट में नौका विहार सिर्फ अक्टूबर से शुरू होता है। इसलिए भेड़ाघाट की यात्रा का सही समय सितम्बर से अक्टूबर होगा। भेड़ाघाट पहुंचें कैसे? ऑटो या कोई निजी कैब जबलपुर से भेड़ाघाट की सैर के लिए सबसे बेस्ट साधन होंगे। जबलपुर कैसे पहुंचें? चौंसठ योगिनी मंदिर  भेड़ाघाट के सामने रहने की जगह भेड़ाघाट में रहने के लिए आपके पास ज़्यादा विकल्प नहीं होंगे पर कुछ अच्छे आवास स्थल आपको यहाँ मिल ही जायेंगे। इसके अलावा जबलपुर में तो आपको कई अच्छे ठहरने के लिए जगह मिल ही जाएँगी और आपके सामने कई सारे विकल्प भी होंगे। जबलपुर में पर्यटक स्थल मदन महल किला, संग्राम सागर झील, बार्गी बांध जैसे स्थान जबलपुर के कुछ प्रमुख पर्यटक स्थल हैं। कुछ अनोखे और अलग जगहों की यात्रा आपको कुछ अलग और यूनिक अनुभव देते हैं, तो अगली बार भेड़ाघाट की सुन्दर यात्रा करना न भूलें।

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