मोटरसाइकिल से पहाड़ों के सफर का रोमांच
हरे से टकराती, बालों को सहलाती तेज हवा, कभी तेज चढ़ाई, कभी तीखी ढलान, बल खाती सड़क, गहरे मोड़, चारों ओर हरियाली, पौधों की सुगंध किसी का भी मन मोहने में सक्षम है। यही वह आकर्षण है जिसमें बंधे लोग बार-बार पहाड़ों की ओर मोटरसाइकिलें लेकर निकल पड़ते हैं।
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संतुलन है जरूरी
ऐसी यात्रा से पूर्व कुछ तैयारियां भी करनी होती हैं, जिससे विपरीत हालात बनने पर उनसे आसानी से निबटा जा सके। पहाड़ की यात्रा में संतुलन सबसे जरूरी है। ऐसी बाइक जिसका वजन आगे-पीछे 60:40 में हो, बेहतर है। टायर की चौड़ाई वाहन के रोड ग्रिप (सड़क पर पकड़) को तय करती है। बेहतर रोड ग्रिप के लिए चौड़ा टायर सही होता है। गाड़ी का टूपिन अधिक ताकतवर होना जरूरी नहीं, पर उससे शक्ति कम आरपीएम पर मिल सके तो ठीक होता है। ऐसी बाइक पहाड़ों पर अधिक उपयोगी होती है, जिसके दूसरे व तीसरे गियर में न सिर्फ पर्याप्त शक्ति हो, बल्कि उन्हें बार-बार बदलने की जरूरत न पड़े। यद्यपि जब रोमांचक यात्रा पर हों तो ईधन खपत खास महत्व नहीं रखता, पर सुदूर पहाड़ी क्षेत्र में कम ईधन खपत वाली बाइक आपको चिंतामुक्त रखेगी।
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आप जो बाइक ले जाना चाहें उसकी सर्विसिंग जरूर करा लें, भले ही वह ठीक चल रही हो। पहाड़ी रास्ते प्राय: बारिश या भूस्खलन के चलते खराब होते रहते हैं। अत: मोटरसाइकिल के नट-वोल्ट की जांच ठीक से कर लें। मोटरसाइकिल में सबसे बड़ी समस्या पंक्चर की होती है। अत: इसकी व्यवस्था जरूरी है। आपको छोटी-मोटी गड़बड़ी ठीक करना, पहिया खोलना, टयूब निकालना, पंक्चर लगाना आना चाहिए। वैसे अब पहाड़ों में लोगों की आवाजाही बढ़ने से जगह-जगह पंक्चर ठीक करने वाले भी मिलने लगे हैं, परंतु बीच राह में आप ही अपने मददगार होंगे। यात्रा के दौरान अपनी मोटरसाइकिल को प्रतिदिन सुबह टायरों में हवा, सभी नट-वोल्ट, इंजन ऑयल तथा स्टार्टिग हेतु जांचना चाहिए। सामान बांधते समय भी मोटरसाइकिल के संतुलन का पूरा ध्यान रखना चाहिए। स्पेयर्स में प्लग, स्टार्टिग क्वायल, क्लच वायर, ब्रेक वायर, पंचर किट, फुट पंप, हेडलाइट बल्ब, चेन लिंक, क्लच तथा ब्रेकलीवर, रबर पाइप और स्पेयर टयब्स आदि जरूर रखें। टूल्स में प्लग ओपनर, स्क्रू ड्राइवर, रिंच, टायर ओपनर लीवर्स, प्लास, फोल्डिंग हैमर, स्टार्टिग क्वायल खोलने लगाने के औजार, वाल्व ओपनर, एक छोटी व शक्तिशाली टॉर्च भी रखें।
सामान कम रखें
मोटरसाइकिल यात्रा में सामान कम से कम होना चाहिए। फिर भी जैकेट, विंडचीटर, जींस, मौसम के अनुरूप जूते, मोटे मोजे, ग्लव्स, मफलर, धूप का चश्मा, छोटे बैग्स, हैवरसैक वाटर बॉटल जरूर रखें। सामान को बांधने के लिए सूती रस्सी का प्रयोग करें और उसे पॉलीथिन से ढक कर रखें।
लगातार न चलें
पहाड़ों पर कभी भी लगातार लंबी दूरी तय न करें। बीच-बीच में रुकना साइटसीइंग के साथ एकरसता तोड़ने तथा थकान से बचने हेतु भी जरूरी हैं। पहाड़ पर कभी भी तेज गति से बाइक नहीं चलानी चाहिए। अंधेरा होने पर पहाड़ों पर नहीं चलना चाहिए। यात्रा में दूरी के हिसाब से पहले से योजना बना कर एक दिन में तय हो सकने वाली दूरी का लक्ष्य रखना चाहिए। साथ ही ठहरने के स्थान का भी ध्यान रखना चाहिए।
क्षेत्र की जानकारी जरूरी
यात्रा पर निकलने से पहले आप जिस क्षेत्र में जा रहे हैं वहां के वातावरण, रास्ते, सड़कें, रुकने के स्थान, दर्शनीय स्थल, विशेषताएं, जाने का सही समय आदि सभी जरूरी जानकारियों से लैस हो लें।
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