धनुषकोडी पर्यटन स्थल
हिन्दू धर्म का एक पवित्र तीर्थ स्थल है धनुषकोडी। यह स्थान हिन्दुओं में पवित्र स्नान और श्राद्ध के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। माना जाता है कि यहां वही पुल स्थित है जो रामायण काल में भगवान श्री राम ने श्रीलंका तक पहुंचने के लिए बनाया था। धनुषकोडी आज भले ही एक तीर्थ स्थान है परंतु ब्रिटिश काल में यह व्यापार का मुख्य केंद्र हुआ करता था। उस दौरान यह स्थान एक बड़ा नगर था जहां से अंग्रेज सुविधा पूर्वक अपना जहाज श्रीलंका भेजा करते थे। रंगीन मूंगों, सीप, शंख, कई प्रकार की मछलियां, समुद्री शैवाल आदि को आप यहां देख सकते हैं।
धनुषकोडी का इतिहास (History of Dhanushkodi)
वर्ष 1964 तक धनुषकोडी एक प्रसिद्ध पर्यटनस्थल था, जहां श्रद्धालुओं के लिए होटल, धर्मशालाएं और कई दुकानें थी। लेकिन 1964 में आए एक भयंकर चक्रवात के कारण यहां सब तबाह हो गया जिसके बाद अब तक यह स्थान खंडहर बना हुआ है, परंतु यहां पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आती है।
धनुषकोडी कैसे पहुंचेंHow to Reach Dhanushkodi
धनुषकोडी, रामेश्वरम रेलवे स्टेशन से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवेस्टेशन से रामनाथ स्वामी मंदिर तक तो टैक्सी या बस सेवा मिल जाती है लेकिन इससे आगे जाने के लिए पर्यटकों को यहां चलने वाली निजी वैन पर निर्भर रहना पड़ता है।
ध्यान रखने योग्य बातेंPoints to remember
शाम सात बजे के बाद इस स्थान पर प्रवेश करना सख्त मना है।
धनुषकोडी सुनसान स्थान है इसलिए श्रद्धालुओं को यहां समूह में जाने की सलाह दी जाती है।
त्यौहार और पूर्णिमा के दिनों में यहां की यात्रा करना सुरक्षित माना जाता है।
यहां आस पास खाने पीने की कोई सुविधा नहीं है तो बेहतर होगा पहले ही कुछ खाने का सामान साथ लेकर निकलें।
रोचक तथ्यInteresting Facts of Dhanushkodi
पौराणिक मान्यता है कि यहां स्थित रामसेतु को स्वयं भगवान राम ने विभीषण के अनुरोध पर धनुष मारकर तोड़ दिया था जिसके कारण इसका नाम धनुषकोडी रखा गया, तभी से यह पुल समुद्र के दो- तीन फुट नीचे ही रहता है।
हिन्दू धर्म का एक पवित्र तीर्थ स्थल है धनुषकोडी। यह स्थान हिन्दुओं में पवित्र स्नान और श्राद्ध के लिए बेहद पवित्र माना जाता है। माना जाता है कि यहां वही पुल स्थित है जो रामायण काल में भगवान श्री राम ने श्रीलंका तक पहुंचने के लिए बनाया था। धनुषकोडी आज भले ही एक तीर्थ स्थान है परंतु ब्रिटिश काल में यह व्यापार का मुख्य केंद्र हुआ करता था। उस दौरान यह स्थान एक बड़ा नगर था जहां से अंग्रेज सुविधा पूर्वक अपना जहाज श्रीलंका भेजा करते थे। रंगीन मूंगों, सीप, शंख, कई प्रकार की मछलियां, समुद्री शैवाल आदि को आप यहां देख सकते हैं।
धनुषकोडी का इतिहास (History of Dhanushkodi)
वर्ष 1964 तक धनुषकोडी एक प्रसिद्ध पर्यटनस्थल था, जहां श्रद्धालुओं के लिए होटल, धर्मशालाएं और कई दुकानें थी। लेकिन 1964 में आए एक भयंकर चक्रवात के कारण यहां सब तबाह हो गया जिसके बाद अब तक यह स्थान खंडहर बना हुआ है, परंतु यहां पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आती है।
धनुषकोडी कैसे पहुंचेंHow to Reach Dhanushkodi
धनुषकोडी, रामेश्वरम रेलवे स्टेशन से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवेस्टेशन से रामनाथ स्वामी मंदिर तक तो टैक्सी या बस सेवा मिल जाती है लेकिन इससे आगे जाने के लिए पर्यटकों को यहां चलने वाली निजी वैन पर निर्भर रहना पड़ता है।
ध्यान रखने योग्य बातेंPoints to remember
शाम सात बजे के बाद इस स्थान पर प्रवेश करना सख्त मना है।
धनुषकोडी सुनसान स्थान है इसलिए श्रद्धालुओं को यहां समूह में जाने की सलाह दी जाती है।
त्यौहार और पूर्णिमा के दिनों में यहां की यात्रा करना सुरक्षित माना जाता है।
यहां आस पास खाने पीने की कोई सुविधा नहीं है तो बेहतर होगा पहले ही कुछ खाने का सामान साथ लेकर निकलें।
रोचक तथ्यInteresting Facts of Dhanushkodi
पौराणिक मान्यता है कि यहां स्थित रामसेतु को स्वयं भगवान राम ने विभीषण के अनुरोध पर धनुष मारकर तोड़ दिया था जिसके कारण इसका नाम धनुषकोडी रखा गया, तभी से यह पुल समुद्र के दो- तीन फुट नीचे ही रहता है।
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