गर्मियों में भीड़ से दूर महाराष्ट्र की इन 12 खूबसूरत जगहों पर जाने का करें प्लान


इंडिया की खूबसूरत जगहों में से एक है जहां एडवेंचर के साथ ही एक्सप्लोर करने के लिए काफी सारी जगहें मौजूद हैं लेकिन बहुत सारी जगहों से अब भी लोग अंजान हैं जिसके कारण यहां टूरिस्टों की भीड़ देखने को नहीं मिलती। 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के मौके पर ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में जानेंगे...


तरकर्लीतरकर्ली, महाराष्ट्र के साउथ वेस्ट छोर पर बसा एक छोटा सा गांव है। यहां समुद्र का पानी बहुत ही साफ-सुथरा होता है जिसमें मछलियों को तैरते हुए देखा जा सकता है। इसलिए यहां फिशिंग करना बहुत ही आसान होता है। कर्ली नदी के दूसरी ओर भोगवे बीच है जो बहुत ही शांत है। बीच पर फैली सफेद रेत और साफ पानी इस जगह की खूबसूरती को और बढ़ाती है।


पश्चिमी घाट पर शाहयद्री रेंज पर बसा है कास। कास ट्री की वजह से इसका नाम कास प्लैट्यू पड़ा। सफेद फूलों से ढकी इस जगह को कास पत्थर के नाम से भी जाना जाता है। यहां लगभग 100 प्रकार के फूल खिलते हैं जिनमें ऑर्किड्स भी शामिल है। यहां की कुछ जगह को इंडियन गवर्नमेंट ने रिजर्व किया हुआ है साथ ही यह यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में भी शामिल है। यहां मानव निर्मित कास झील है जिससे यहां आसपास पानी की सप्लाई होती है।


अंबोली, महाराष्ट्र में एक हिल स्टेशन है जहां से गोवा शुरू होता है। यहां से डूबते हुए सूरज का नजारा ऐसा होता है जिसे कैमरे में कैद किए बिना नहीं रह सकते। इसके अलावा महादेव गढ़, कोंकण और शिरगांवकर प्वाइंट भी घूमने वाली खूबसूरत जगहें हैं। शहर से कुछ किमी की दूरी पर है अंबोली वाटरफॉल, जो वेकेशन एन्जॉयमेंट के लिए अच्छी जगह है।


मुंबई से 4 घंटे का सफर तय करके रायगढ़ पहुंच सकते हैं जहां बसा है हरिहरेश्वर। जो चारों ओर से हरशिनांचल, हरिहरेश्वर, बम्हदरी और पुष्पादरी पहाड़ों से घिरा हुआ है। यह चारों पहाड़ भगवान बम्हा, विष्णु, शिव और पार्वती के वास स्थान माने जाते हैं। शहर के एक किनारे पर बंकोट क्रिक है जहां से सावित्री नदी समुद्र में मिलती है जहां दूसरी ओर अरब सागर है। यहां भगवान शिव का मंदिर है जिसे हरिहरेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है।


मालशेज घाट, शहयाद्री रेंज पर बसा है जहां कई प्रकार के फूल और वनस्पति देखे जा सकते हैं। पहले कभी यहां बौद्ध गुफाएं हुआ करती थीं। मानसून में यहां कई सारे वाटरफॉल्स देखने को मिलते हैं। इन घने जंगलों में ट्रैकिंग का अपना अलग ही मजा होता है। मानसून में इस घाट पर फ्लेमिंगो, रेल्स, क्रेक्स और कोयल जैसे कई पशु-पक्षी देखने को मिलते हैं इसलिए यहां आने की प्लानिंग मानसून के दौरान करें।


मुंबई से 3 घंटे का सफर और आप पहुंच जाएंगे पालू। पालू आकर किसी दूसरी ही दुनिया में होने का अहसास होता है। हरे-भरे वादियों और वाटरफाल से घिरे नजारों के बीच सूरज को निकलते और डूबते हुए देखना वाकई खास होता है। वीकेंड मनाने के लिए बहुत ही बेहतरी जगह है पालू


सतारा का ठोसघर गांव में कई सारे वाटरफॉल्स को एक साथ देखा जा सकता है। कई मीटर ऊंचे इन वाटरफॉल्स में कोई 500 मीटर ऊंचा है तो कोई 15-20 मीटर। मानसून के दौरान आसपास फैली हरियाली के चलते इन वाटरफॉल्स की खूबसूरती दोगुनी हो जाती है जहां लोग पिकनिक मनाने आते हैं।


यह बीच अलीबाग में है जो खासतौर से साफ-सुथरे और सफेद रेत के लिए जाना जाता है। यहां कई सारे वाटर स्पोर्ट्स जैसे वाटर स्कूटर, पैरासेलिंग, जेट-स्की और कयाकिंग की सुविधा अवेलेबल है जो टूरिस्ट्स को अट्रैक्ट करती है। इसके अलावा फ्रेश सी फूड्स, कोकोनट वाटर और लोकल खाने-पीने की चीजें दूसरा अट्रैक्शन हैं यहां।


मोराची चिंचोली का मतलब है नाचते मोर और इमली के पेड़ों का गांव। पुणे से 55 किमी दूर इस जगह पर लगभग 2500 मोर है जिन्हें पूरे दिन नाचते और घूमते हुए देखा जा सकता है। यहां घूमने के लिए आप बैलगाड़ी और ट्रैक्टर ले सकते हैं। कैंपिंग और हाइकिंग के साथ ही आउटडोर गेम्स के भी कई सारे ऑप्शन्स मौजूद हैं।


पहाड़ों को काटकर बनाई गई अजंता और एलोरा की गुफाएं, महाराष्ट्र टूरिज्म का सबसे खास अट्रैक्शन हैं। औरंगाबाद को महाराष्ट्र के टूरिज्म कैपिटल के नाम से भी जाना जाता है। जहां कई सारे हिस्टोरिकल मॉन्युमेंट्स हैं जैसे गेट्स ऑफ औरंगाबाद, बीवी का मकबरा, अंजता और एलोरा की गुफाएं, कैलाश मंदिर और दौलताबाद का किला।
मुरुड जंजीरा रायगढ़ में बसा है। अरब सागर में ओवल शेप में बना ये किला, भारत में बने सबसे मजबूत किलों में से एक है।


तदोबा टाइगर रिजर्व, बहुत ही मशहूर नेशनल पार्क है जहां कई सारे टाइगर्स को एक साथ देखा जा सकता है। महाराष्ट्र में तदोबा सबसे बड़ा नेशनल पार्क है। यहां टाइगर्स सेविंग के लिए लगभग 43 प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं और साथ यहां टाइगरों की संख्या भी 43 ही है।


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